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Nitya Karm Paddati

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नित्य कर्म वेद के अनुसार कर्मों का एक प्रकार है। रजोगुण को कर्म का मूल प्रेरक माना गया है। वेद की मान्यता को स्वीकार करते हुए मीमांसकों ने कर्मों के पालन और निषेध का निर्देश किया है। नित्य किया जाने वाला…

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    • Publisher                ‏ : ‎ Chandra  Books
    • Paperback              ‏ : ‎ 200 pages
    • Item Weight           ‏ : ‎ 270 g
    • Country of Origin ‏ : ‎ India
    नित्य कर्म वेद के अनुसार कर्मों का एक प्रकार है। रजोगुण को कर्म का मूल प्रेरक माना गया है। वेद की मान्यता को स्वीकार करते हुए मीमांसकों ने कर्मों के पालन और निषेध का निर्देश किया है। नित्य किया जाने वाला कर्म नित्य कर्म की श्रेणी में रखा गया है।
    The term "niyat karm" (नियत कर्म) in the Shrimad Bhagavad Gita refers to "prescribed" or "obligatory" actions. These are the actions that are required of us by our social and religious duties, as well as by our own personal nature.

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